दशनसंस्कार चूर्ण
बनाने की विधि और प्रयोग
दांतों का नाता सिर्फ खूबसूरती से नहीं होता ,
बल्कि इनके बिना जिंदगी बेहद मुश्किल हो जाती है।
दिक्कत यह है कि हममें से ज्यादातर लोग दांतों की देखभाल को लेकर गंभीर नहीं होते।
अगर शुरू से ध्यान दिया जाए तो दांतों की बहुत सारी समस्याओं से बचा जा सकता है।
आज हम आप लोगो को प्राकृतिक दन्त मंजन के बारे में बताने जा रहे हैं
जिसके उपयोग से आपके दात स्वछ्या और मजबूत बनेगे |
सोठ,
हरडे,
कत्त्था,
कपूर,
सुपारी की राख,
कालीमिर्च,
लौंग,
और दालचीनी,
सब चीजें समान भाग में लेकर कूट कर कपडे से छान कर महीन चूर्ण बना ले |
इस चूर्ण के समान भाग खड़िया मिट्टी का चूर्ण मिला शीशी में भर कर रख ले |
नोट- कपूर सबसे पीछे मिलावे तथा खड़िया मिट्टी का पृथक चूर्ण कर मिलावे |
गुण और उपयोग-
इस चूर्ण के मंजन से दांतों के समस्त बिकार नष्ट हो जाते तथा दांत साफ़-स्वछ और मजबूत बने रहते हैं
मसूडोकी सुजन और पायोरिया मे गरम पानी से कुल्ला करना चाहिए
दांतो दरदमे सरसों के तेल / इरिमेदादी तेल अथवा तिलके तेलमे मे मालिस करना चाहिए